पेडागोजिकल तथा शिक्षण विधियाँ
“पेडागोजी” शब्द का अर्थ है “शिक्षा का विज्ञान”। यह विशेषकर शिक्षण-सीखने के सिद्धांतों, शिक्षण में स्थिरता एवं विनियोजन जैसे मुद्दों पर केंद्रित होता है। इस विषय के अंतर्गत निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:
शिक्षा प्रक्रिया
– शिक्षा की प्रक्रिया क्या है।
– शिक्षण दिशाएँ।
– शिक्षण कार्याण्वयन का सामर्थ्य.
शिक्षण सिद्धांत
– शिक्षण सिद्धांत का अर्थ।
– व्यक्तिगतकृत शिक्षण सिद्धांत
शिक्षण सिद्धांतों के प्रारूप
– शांति नियोजन की शक्ति.
– आजीवन कक्षा का विकास।
– विस्तारक कक्षा परियोजना.
शिक्षण-सीखने की चर्चा
– शिक्षा के तत्व
– शिक्षण के मुख्य नियम
– शिक्षण की प्रक्रिया का अभिप्राय
बाल विकास एवं शिक्षण मनोविज्ञान
शिक्षण विधियाँ
– शिक्षण प्राधिन्य के सिद्धांत
– मनोबल उत्तेजना की कल्पना.
– सीखने की रूचि.
गणित एवं विज्ञान
इस विषय में, छात्रों को गणित एवं विज्ञान से संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है। कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:
- गणित
- पूर्णांक
- व्यावहारिक गणित
- समीकरण
- ब्याज
- गुणन
- सांख्यिकी
- त्रिकोणमिति
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क्षेत्रमिति
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विज्ञान
- बिजली एवं माध्यम
- विज्ञान के प्रयोगशालाएँ
सामाजिक अध्ययन
इस विषय में, छात्र सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान आदि के विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कुछ विषय इस प्रकार हैं:
- इतिहास
- भूगोल
- राजनीति विज्ञान
हिंदी भाषा एवं अंग्रेजी भाषा
- व्याकरण
- संधि
- समास
- अलंकार
मनोविज्ञान एवं शिक्षा की सिद्धांत
- मनोविज्ञान
- प्रेरणा एवं रुचि
- शिक्षण प्रक्रिया
- लर्निंग डिसेबिलिटी
- उपयोगी जीवन कौशल
शिक्षक योग्यता
शिक्षक योग्यता परीक्षा मुख्य रूप से छात्रों के उस स्तर का मूल्यांकन करती है जिस से पात्रता स्तर की अनुमानित रूप से जांच हो सके कि वे एक शिक्षक के रूप में कितने उपयुक्त हैं। यह समर्पित परीक्षा अनुसंधान-अध्ययन क्षेत्र में छात्रों के ज्ञान की मान्यता निर्धारित करने के लिए रची गई है।
एक उत्तम शिक्षक बनने के लिए छात्रों को उच्च स्तर के शिक्षण दक्षता, व्यक्तिगत संबंध प्रवीणता और प्रोफेशनल विकास के माध्यम से सामाजिक एवं शैक्षिक उत्कृष्टता की प्राप्ति के लिए तैयार करना चाहिए। शिक्षक योग्यता परीक्षा का पूरा पाठ्यक्रम अच्छी तरह से अध्ययन करने और समझने के लिए छात्रों को अपना समय और मेहनत नियुक्त करना चाहिए।
हालांकि, परीक्षा के लिए तैयारी करना कठिन हो सकता है, लेकिन सही मार्गदर्शन एवं उत्तम संसाधनों का सहयोग मिलने पर यह संभव है। एक उत्तम शिक्षक बनने के साथ-साथ, यह परीक्षा छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जिसके माध्यम से वे अपने शिक्षकिय क्षमता और प्रेरणा को मान्यता प्राप्त कर सकते हैं।
FAQs (सामान्यत: पूछे जाने वाले प्रश्न)
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CTET क्या है?
CTET, यानी “केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा”, एक औपचारिक परीक्षा है जो भारतीय केंद्रीय भाग्य्शाली विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है। -
CTET की तैयारी कैसे की जाए?
CTET की तैयारी के लिए छात्रों को समर्पित अध्ययन और प्रैक्टिस करने की आवश्यकता होती है। वे पिछले सालों के पेपर, मॉडल पेपर्स, और स्टडी मटेरियल का अध्ययन कर सकते हैं। -
CTET कितने चरणों में होता है?
CTET की परीक्षा दो चरणों में होती है – प्राथमिक स्तर (प्रथम-चरण) और उच्च प्राथमिक स्तर (द्वितीय-चरण)। -
CTET पास करने के बाद क्या होता है?
CTET पास करने के बाद, आप केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षक के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। -
CTET की वैधता कितने साल के लिए होती है?
CTET पास करने की वैधता अधिकांश राज्यों में 7 साल के लिए मान्य होती है।
CTET परीक्षा तैयारी करना और पास करना एक उत्तम उद्देश्य हो सकता है जो आपके शिक्षक का करियर आगे बढ़ा सकता ह। इसलिए, अब है वक्त कि आप तैयारी शुरू करें और अपने मार्ग पर आगे बढ़ें।